नास्तिकता का मतलब विचारशीलता, तर्क, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीवन की अध्ययन करना है।

आधुनिक युग में नास्तिकता का विस्तार एवं महत्व बढ़ता जा रहा है। नास्तिकता का मतलब विचारशीलता, तर्क, और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जीवन की अध्ययन करना है। यहां कुछ कारण और प्रेरणादायक विचारों को साझा कर रहा हूं:

1. **धार्मिक अद्यात्मवाद का संदेश:** अनेक बार धार्मिक संस्थाओं का संदेश समाज में असंतुष्टि और संदेह उत्पन्न करता है। यह अन्तर्दृष्टि के साथ मिलने और निजी अनुभवों पर आधारित होने के कारण हो सकता है।

2. **विज्ञानिक गतिविधियों का प्रभाव:** विज्ञान की प्रगति और तकनीकी विकास से, लोगों का धार्मिक और आध्यात्मिक धारणा पर विश्वास कम हो रहा है।

3. **सामाजिक परिवर्तन:** समाज में विविधता और आधुनिकीकरण के साथ-साथ, लोगों की सोच में भी परिवर्तन आ रहा है। यह नई धारणाओं और मूल्यों की प्रोत्साहना करता है।

4. **सामाजिक न्याय और इंसानियत के मूल्यों की आवश्यकता:** नास्तिक विचारधारा विशेष रूप से सामाजिक न्याय, मानवाधिकार, और इंसानियत के मूल्यों को प्रोत्साहित करती है।

5. **धार्मिक संगठनों के विरोध:** कई बार, धार्मिक संगठनों के द्वारा विविधता और विचार की स्वतंत्रता को दबाया जाता है, जिससे लोगों में विरोध उत्पन्न होता है।

नास्तिकता के विचार कई चुनौतियों और संघर्षों के साथ आता है, लेकिन यह एक मुकामिल और समृद्ध समाज की दिशा में एक प्रगतिशील योगदान भी है।

श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...