जीवन क्यों रुके? हर पल आपको पुकारता है

जीवन क्यों रुके? हर पल आपको पुकारता है,
खुशियों को ना रोकें, मुस्कुराहट को ना थामें,
और अपने सच्चे अस्तित्व को खुलकर जीने से ना चूकें।
जीवन अभी है, इसे पूरी तरह जिएं।


जीवन है इक मधुर संगीत,
हर पल में है उसकी जीत।
वो कल की चिंता में ना बंधे,
हर घड़ी में ख़ुशियों से भर दे।

आओ, मधुर लहरों संग बह चलें,
बीते हुए कल का भार अब सह लें।
मुस्कानों से रँग दें आसमान,
जीवन को बनाएँ इक मधुर तान।

जो पल मिला, वो सबसे खास,
हँसी की बहार हो, ख़ुशियों की प्यास।
ना कल का बंधन, ना कल की आस,
सिर्फ आज ही में पाएँ इक सुकून भास।

चलो बाँधें नहीं अपनी उड़ान,
खुली हवा में हो बेफिक्र यान।
हाथ में हाथ लिए उस राह पर जाएँ,
जहाँ सच्चा सुख और शांति पाएँ।

मत थामो ख़्वाबों को यूँ बाँध कर,
जीवन का आह्वान है बस आज भर।
हर लम्हे को अपनी बाँहों में भर लें,
जो आए अब, उससे प्रेम कर लें।

क्योंकि जीवन है, अभी और यहीं,
हर पल का रंग देखें वहीं।
अब रुके नहीं, बस बहते रहें,
संग जीवन के सजीव बने।

अभी का आह्वान सुनो
संग चलें उसके पलों को चुनो,
आज की ख़ुशबू को दिल से बुनो,
और अपनी पूरी ज़िन्दगी को
सच्चाई के साथ जीते रहो।

जीवन का संदेश यही कहता है,
अभी का रस हर साँस में बहता है।
आओ, इस सुंदर आज को अपनाएँ,
अपने सच्चे रंगों में हर पल को रंगाएँ।


अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...