ठीक है



मैं एक आदमी हूँ,
टूटे रिश्ते ठीक हैं,
आगे बढ़ना ठीक है,
नहीं कहना ठीक है।

शून्य से शुरू करना ठीक है,
अपना काम छोड़ना भी ठीक है,
लेकिन एक और साल बर्बाद करना,
वही पुराना रटा-रटाया रास्ता,
वो सही नहीं है।

खुद को हर बार फिर से खड़ा करना,
नई दिशा में चलना,
अपनी गलती से सीखना,
वो ही असल ताकत है।

जो भी करना है, पूरी ताकत से करो,
लेकिन खुद को वही पुराना जाल में नहीं फंसने दो।


आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...