ठीक है



मैं एक आदमी हूँ,
टूटे रिश्ते ठीक हैं,
आगे बढ़ना ठीक है,
नहीं कहना ठीक है।

शून्य से शुरू करना ठीक है,
अपना काम छोड़ना भी ठीक है,
लेकिन एक और साल बर्बाद करना,
वही पुराना रटा-रटाया रास्ता,
वो सही नहीं है।

खुद को हर बार फिर से खड़ा करना,
नई दिशा में चलना,
अपनी गलती से सीखना,
वो ही असल ताकत है।

जो भी करना है, पूरी ताकत से करो,
लेकिन खुद को वही पुराना जाल में नहीं फंसने दो।


मेरा मध्‍य बिंदु

जब नींद अभी आई नहीं, जागरण विदा हुआ, उस क्षण में मैंने स्वयं को महसूस किया। न सोया था, न जागा था मैं, बस उस मध्‍य बिंदु पर ठहरा था मैं। तन श...