सोचना और करना



विफलता सिखाती है, क्या काम करता है,
यह रास्ता, वह तरीका, यही सब समझ आता है।
लेकिन ज्यादा सोचना, बस टालने की राह है,
यह सोच-सोचकर बैठना, समय को बर्बाद करता है।

सोचो नहीं, बस करो, यही है सच्ची बात,
क्योंकि कर्म से ही मिलती है सफलता की सौगात।
विफलता से डरना नहीं, उसे अपनाओ,
क्योंकि हर गलती में छुपा होता है नया रास्ता।

ज्यादा सोचने से सिर्फ भ्रम होता है,
लेकिन करना ही सबको सही दिशा दिखाता है।
सोचना छोड़ो, हाथ में काम लो,
समय बर्बाद न करो, अब बस इसे खुद पर छोड़ दो।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...