मर्द होना मतलब बदलते जाना,
जो डरते हैं, वो हर बार गड़बड़ कर जाते हैं, सच्ची मानो!
जो काम न आये, उसे छोड़ देना,
कभी तो नये रास्तों पे चलके दिखा देना।
लेकिन रुकना, वही सबसे बुरा है,
रुटीन में फंसा रहना, तो बस यही ग़लत है।
वक्त न गवाओ, खड़ी मूर्तियों की तरह,
जिंदगी में बदलाव लाओ, और बनाओ अपनी ‘नई’ राह।
कभी ग़ुस्से में हो, कभी डांस में,
लेकिन रुकना नहीं, हमेशा हंसी में रहना!
फिर चाहे हो 'वापस' जाना, या 'नया' बनाना,
मर्द वही, जो रुके नहीं, और चलते जाएं बस 'आगे'।