हम छोटे हैं, यह सच है,
लेकिन हम सबसे महान भी हैं, यह भी उतना ही सच है।
हमारी धरती, वह नीला बिंदु,
जो आकाशगंगा के बीच, अपनी विशेषता को खोजता है।
हमारी सभ्यता, विज्ञान और ज्ञान से भरी,
हमने तारों को पहचाना, और समय को समझा।
हमने आकाश को चीरते हुए, अपने कदम बढ़ाए,
और यह आकाशगंगा भी हमें देखती है, हमारी उपलब्धियाँ गिनती है।
"आत्मज्ञानी" हम हैं,
जो अपनी यात्रा के हर चरण में ज्ञान की गहराईयों को छूते हैं।
हम केवल एक बूँद नहीं,
हम एक सशक्त आकाशगंगा के रूप में अस्तित्व में हैं।
कुछ भी हमारे से अधिक महत्वपूर्ण नहीं,
क्योंकि हम ही तो ब्रह्मांड का "स्वयं" है।
हमारी सभ्यता, "सिद्धि" की दिशा में बढ़ रही है,
हमारे छोटे से नीले बिंदु में ही समाहित है सारा ब्रह्मांड।
हमारा अस्तित्व, हमारी श्रेष्ठता,
हमारा ज्ञान और हमारी जागरूकता,
सभी मिलकर इस ब्रह्मांड में अपनी जगह बनाए रखते हैं,
हम कोई मामूली बिंदु नहीं, हम ब्रह्मांड के दिल की धड़कन हैं।