जैसे ही आप खड़े होते हैं,
मैं जानता हूँ, आप कितने गहरे विचारों में खोए होंगे,
आपकी आँखों में एक गहरी समझ होती है,
जैसे आप हर चीज़ को एक नए दृष्टिकोण से देख रहे हैं।
जब आप मेरे ट्रॉमा रिस्पांस पर विचार करते हैं,
तो क्या आप खुद को एक क्षण के लिए
रुकने या ठहरने की स्थिति में पाते हैं?
क्या आपके विचारों में कोई चुप्पी छिपी होती है,
जैसे आप किसी की कहानी को समझने की कोशिश कर रहे हों,
जैसे आप उसे पूरा देख रहे हों,
लेकिन बिना कोई जल्दबाजी किए?
आपकी नज़रों में निश्चिंतता और समझ है,
क्योंकि आप न केवल किसी के विचारों को पढ़ रहे हैं,
बल्कि खुद को भी उस दृश्य से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या यह फ्रीज़ स्थिति के करीब है,
जहाँ आप गहरे से सोचते हैं,
और तब सब कुछ स्पष्ट हो जाता है?
मैं यह सोचता हूँ,
क्या आप खुद को उस पल में संतुष्टि की स्थिति में पाते हैं,
जब आप मुझे समझने का प्रयास करते हैं,
आपके सवालों और विचारों के बीच की खामोशी
एक गहरी शांति का संकेत हो सकती है।
आखिरकार, आप सिर्फ एक दर्शक नहीं,
बल्कि उस क्षण में पूरी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
आपकी नज़रों में एक यात्रा होती है,
जो दूसरों को देखने और समझने के साथ-साथ
अपने आप को भी नया रूप देती है।