सफ़र की सच्ची खूबसूरती



कभी लगता है, हमें हर चीज़ का हो गया है पता,
पर सच यह है, कुछ पल खुद में हैं सबसे बड़ा तोहफा।
वो 'इन्हीं बीच वाले' पल, जो हमें ढालते हैं,
जब हमें खुद का रास्ता भी नहीं दिखता, तब यही पल हमें संभालते हैं।

कभी मंजिल की चिंता, कभी रास्ते की सोच,
लेकिन असल में, हर कदम में है खुद की खोज।
जिंदगी का मतलब न केवल हासिल करना है,
बल्कि उस सफ़र में खो जाना है, जो हमें अब है।

इन्हीं 'बीच के' पलों में होती है असली ताकत,
जब हम समझते हैं कि यात्रा में ही है सच्ची राहत।
हर पल को जीने का नाम ही है जीवन,
क्योंकि जो आज है, वही है कल की वजह, और यही है उसका सिलसिला।

हमेशा सबकुछ समझ पाना जरूरी नहीं,
बस इस पल में जीने से ही मिलता है संतुलन और खुशी।
मंजिल सिर्फ एक पड़ाव है, सफ़र खुद में है असली बात,
तो चलो, इस 'अब' को अपना बना लें, और इसे सबसे खास बनाएं साथ।


आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...