kya karun ?



मैं अब किसी के अनुमोदन के लिए नहीं जीता,
वे तो खुद की दुनिया में उलझे हैं, मुझे क्या फर्क पड़ता है।
अब मैं वही करूँगा जो मुझे खुश करे,
उनकी राय से मुक्त होकर, मैं अनलिमिटेड हो जाता हूँ।

जब मैं खुद की पहचान को समझ लूँ,
तब मुझे किसी से कोई डर नहीं, कोई रुकावट नहीं।
मैं अपने रास्ते पर चलता रहूँगा,
क्योंकि जब मैं खुद के लिए जीता हूँ, तो मैं अजेय बन जाता हूँ।

:
जब आप दूसरों की राय से मुक्त हो जाते हैं, तो आप अपनी पूरी ताकत के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ सकते हैं।


meri duniya



मुझे क्या फर्क पड़ता है, लोग क्या सोचते हैं,
वो पल भर के लिए सोचते हैं, फिर अपनी दुनिया में खो जाते हैं।
तो क्यों न मैं वही करूँ, जो मुझे अच्छा लगता है,
जो दिल कहे, वही कदम उठाऊं, बिना डर के, बिना रुके।

लोग अपनी कहानियों में खोते हैं, और मैं अपनी कहानी बनाता हूँ,
जो किसी और की दुनिया में नहीं समाता, वही अपनी दुनिया में गाता हूँ।
कभी न डर, कभी न रुक, जब तक खुद को पहचान न पाऊं,
मैं वही करूँ, जो मुझे चाहिए, क्योंकि ये मेरी जिंदगी है, जो मैं चाहता हूँ।

लोग कितनी देर तक तुम्हारे बारे में सोचेंगे? इसलिए अपनी ज़िंदगी खुद के तरीके से जीयो, क्योंकि अंत में वही मायने रखता है जो तुम चाहते हो।


श्रेष्ठ पुरुष के प्रतीक

एक शरीर जो ताजगी और ताकत से भरा हो, स्वस्थ आदतें, जो उसे दिन-ब-दिन नया रूप दें। ज्ञान की राह पर जो चलता हो, पढ़ाई में समृद्ध, हर किताब में न...