पाना है उसे जिसे कभी किसी ने न पाया हो।
राहों में जो छुपी हैं ख़ुशियों की राज़,
वहाँ पहुँचना है मेरे सपनों का आज।
धूप में जो मिले छाँव की तलाश,
उसे अपनाना है मेरे हौसलों की आवाज।
हर कठिनाई से लड़ते हुए निरंतर,
मिटाना है हर दुःख, बनाना है स्वप्न साकार।
इस यात्रा में जब मिलेगा मंजिल का पता,
तब होगा परमात्मा का आशीर्वाद सर्वविस्तार।
तो ना डरो, ना हो कोई अविश्वास,
क्योंकि सफ़र है ख़ास, सपने हैं अनमोल खज़ाने,
आगे बढ़ो, चलो, जाना है उस अनजान दिशा में,
जहाँ है सिर्फ़ खुदा का बस आशीर्वाद
और अपार सफ़लता का इशारा।