समय की दौड़

समय की दौड़ में, हम सब भागते,
मुकाम पाने को, मंजिल को ताकते।
हर पल एक चुनौती, हर क्षण एक मीत,
समय सीमा की चिंता, न हार मानते हम जीत।

घड़ी की सुइयां कहती, तेजी से बढ़ो,
मंजिल दूर नहीं, मेहनत से चढ़ो।
चुनौतियों का सामना, आत्मविश्वास के संग,
समय की सीमा में, कार्य पूरे हर रंग।

जब समय की रेखा पास आए, मन में हो अटल विश्वास,
न डर, न घबराहट, बस हो मेहनत का आस।
समय की सजीवता में, हम खुद को ढालें,
हर समय सीमा को, हँसते-हँसते टालें।

काम का जुनून हो, दिल में उमंग,
समय की सीमा को, समझें हम संग।
हर दिन, हर रात, लगे रहें प्रयास,
समय सीमा की बाधा, हो जाए हमारे पास।

तो आओ, मिलकर संकल्प लें,
समय की सीमा में, कार्य पूरे करें।
हर लक्ष्य को पाए, हर मंजिल को जीते,
समय सीमा का पालन, हमारा मीत बने।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...