Open Sex Series – भाग 9



"तांत्रिक सेक्स: क्या सेक्स समाधि का मार्ग बन सकता है?"

लेखक: दीपक डोभाल


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1. प्रस्तावना: जब काम, ध्यान में बदल जाए

हमारी सभ्यता में सेक्स को या तो वर्जित मानकर दबा दिया गया,
या फिर केवल भोग का साधन मान लिया गया।
परंतु भारत की प्राचीन तांत्रिक परंपरा ने सेक्स को न तो त्यागा,
न ही उसे केवल कामवासना तक सीमित किया।
बल्कि उसे आध्यात्मिक जागरण का एक द्वार माना।

क्या सम्भोग वास्तव में समाधि बन सकता है?
क्या यह केवल शारीरिक सुख नहीं,
बल्कि ऊर्जा का विस्फोट भी हो सकता है
— जो तुम्हें ब्रह्माण्ड से जोड़ दे?


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2. तंत्र क्या है?

तंत्र का अर्थ है – “विस्तार और मुक्ति का मार्ग।”
यह कोई धर्म नहीं, एक प्राचीन विज्ञान है
जो ऊर्जा (शक्ति) के माध्यम से चेतना (शिव) की ओर ले जाता है।
और इस मार्ग में, सेक्स एक शक्तिशाली माध्यम है।

शैव और शक्ति परंपरा में —
नारी को देवी, और पुरुष को शिव मानकर
उनके मिलन को ईश्वर से एकात्मता का प्रतीक माना गया।


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3. तांत्रिक सेक्स क्या होता है?

Tantric Sex एक ध्यान प्रक्रिया है,
जहाँ दो लोग सिर्फ शरीर से नहीं,
बल्कि प्राण, हृदय और आत्मा से जुड़ते हैं।

इसमें कोई जल्दी नहीं होती,
कोई लक्ष्य नहीं होता,
केवल हर क्षण को पूरी जागरूकता से जीना होता है।

मुख्य तत्व:

Slow & conscious breathing

Eye gazing

Heart connection before physical touch

Sexual energy को ऊपर उठाना (kundalini awakening)

Climax को control करना – और उसे ध्यान में बदल देना



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4. ओशो और तांत्रिक सेक्स

ओशो ने तंत्र को पश्चिम के सामने दोबारा जीवंत किया।
उन्होंने कहा:

> “अगर तुम सेक्स को पूर्ण जागरूकता से जियो,
तो तुम्हें ध्यान मिल सकता है —
क्योंकि सेक्स वह क्षण है, जब मन रुकता है,
और तुम शुद्ध अस्तित्व में उतरते हो।”



ओशो के commune में कई बार Tantric Workshops करवाई जाती थीं,
जहाँ युगल जोड़े ध्यानपूर्वक एक-दूसरे से जुड़ते थे —
बिना हड़बड़ी, बिना लक्ष्य।

ओशो मानते थे कि —
“सम्भोग से समाधि की यात्रा”
संभव है — परंतु केवल तब,
जब तुम उसे पवित्रता और पूर्ण होश से जियो।


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5. तंत्र में नारी की भूमिका

तंत्र में स्त्री को ‘शक्ति’ कहा गया है।
वह केवल भोग्या नहीं,
बल्कि मुक्ति का माध्यम है।

स्त्री का शरीर, उसकी ऊर्जा,
और उसका प्रेम —
पुरुष के अंदर सुप्त चेतना को जगाने का साधन है।

इसलिए तांत्रिक सेक्स में नारी का सम्मान,
और उसके साथ पूजा की तरह व्यवहार किया जाता है —
न कि वस्तु की तरह।


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6. विज्ञान और ऊर्जा के स्तर पर क्या होता है?

तांत्रिक सेक्स के दौरान,
शरीर में उत्पन्न dopamine, oxytocin, endorphins
तुम्हें एक आनंदमय शांति देते हैं

लंबे समय तक intercourse करने से
heart coherence बढ़ता है

Kundalini energy – जो रीढ़ की हड्डी के मूल में सोई रहती है,
वह जाग्रत हो सकती है

पुरुष ejaculation को रोककर
ऊर्जा को ऊपर की ओर ले जाता है —
जिससे ब्रेन सेंटर activate होते हैं



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7. तांत्रिक सेक्स की साधनाएं

कुछ मुख्य साधनाएं:

मैत्री ध्यान (Loving Presence Meditation)

Yab-Yum मुद्रा (जहाँ पुरुष बैठता है और स्त्री उसकी गोद में)

संयुक्त श्वास-प्रश्वास

सेक्स से पहले मौन और ध्यान


इनमें कोई जल्दबाज़ी नहीं होती।
हर एक क्रिया आराधना की तरह होती है।


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8. क्या यह सभी के लिए है?

नहीं।
तांत्रिक सेक्स केवल उन्हें फलता है
जो अपने शरीर, भावनाओं और संबंधों को गहराई से समझते हैं।
जो सेक्स को साधन नहीं, साधना मानते हैं।

यदि तुम केवल सुख के लिए इसमें उतरोगे —
तो यह भी एक और भटकाव बन जाएगा।


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9. निष्कर्ष:

> "सेक्स के द्वारा अगर ध्यान में प्रवेश किया जाए,
तो वही सेक्स, योग बन जाता है।
वही शरीर, शिव बन जाता है।"



तांत्रिक सेक्स कोई काल्पनिक कल्पना नहीं,
बल्कि एक ऊर्जा विज्ञान है —
जो प्रेम को ध्यान में बदल सकता है।

अब यह तुम पर है —
तुम सेक्स को भोग बनाते हो या ध्यान?


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