Monday 16 January 2017

आशा और आकांक्षा

आशा और आकांक्षाओं से  भरी जिंदगी
यूं ही चलते चलते चल रही है
 आधी पूरी जिंदगी पल पल बदल रही है
फिर भी ख्वाब उमंगों का आँचल  ओढ़े
गौते लगा रही है हवाओं में
एक दशक तो कट गया
अब एक नया सफर है
जहाँ आशा और आकांक्षाओं से
 भरी आँखें टकी टकी  लगाये
निहार रही है मुझको  

दीप जले तो जीवन खिले

अँधेरे में जब उम्मीदें मर जाएं, दुखों का पहाड़ जब मन को दबाए, तब एक दीप जले, जीवन में उजाला लाए, आशा की किरण जगमगाए। दीप जले तो जीवन खिले, खु...