ऊर्जा का प्रभाव



दूसरों की ऊर्जा होती है संक्रामक,
सकारात्मक हो या नकारात्मक।
जैसे हवा में बसी होती है महक,
वैसे ही उनका प्रभाव होता है अप्रत्यक्ष।

जब भी तुम उनके पास हो,
सुरक्षित रहना सीखो।
उनकी ऊर्जा को पहचानो,
ताकि खुद को खोने से बच सको।

अच्छी ऊर्जा से खुद को भर लो,
वो जो उन्नति की ओर खींचे।
बुरी ऊर्जा से खुद को अलग कर लो,
जो तुम्हें गिराने की राह पर चलें।

समझो, ये शक्तियाँ हैं परछाईं की तरह,
जो तुमसे जुड़ी रहती हैं हमेशा।
सतर्क रहो, खुद को बचाकर रखो,
और कभी न अपनी ऊर्जा को दूसरों में गवा दो।


मेरा मध्‍य बिंदु

जब नींद अभी आई नहीं, जागरण विदा हुआ, उस क्षण में मैंने स्वयं को महसूस किया। न सोया था, न जागा था मैं, बस उस मध्‍य बिंदु पर ठहरा था मैं। तन श...