नए सवेरे की राहों में, मैंने अपना इंतज़ार किया।

ग़म की राहों में, मैं डूबा नहीं हूँ,
ग़म ने मुझमें, अपना सच छुपा नहीं हूँ।

ग़म के आँधीओं में, मैंने अपना आकार खोया,
पर ग़म के साथ, नई ख़ुशियों को पाया।

नयी उड़ानों के साथ, मैं चल रहा हूँ,
राहों में मैंने, अपने अपने सपने सजाए हैं।

ग़म के पेड़ों में, मैंने अपना सहारा ढूंढा,
नए सवेरे की राहों में, मैंने अपना इंतज़ार किया।

श्वासों के बीच का मौन

श्वासों के बीच जो मौन है, वहीं छिपा ब्रह्माण्ड का गान है। सांसों के भीतर, शून्य में, आत्मा को मिलता ज्ञान है। अनाहत ध्वनि, जो सुनता है मन, व...