झूठ का मकड़जाल



मैंने झूठ बोया,
छोटा सा,
जैसे बगीचे में कांटे की झाड़ी।
सोचा, ये छोटा है,
इससे क्या होगा?
पर ये कांटा फैला,
उसकी जड़ें गहरी हुईं,
और मैं भूल गया कि मैंने इसे कब लगाया था।

मैंने दूसरों को छला,
सच को छिपाया,
झूठ की परतें चढ़ाईं।
हर बार लगा,
मैं चतुर हूँ, कुशल हूँ,
अपना भला कर रहा हूँ।
पर किसे पता था,
हर छल, हर झूठ,
एक फंदा बनकर मुझे ही जकड़ रहा था।

दूसरों के लिए मैंने गड्ढे खोदे,
हँसा उनकी बेबसी पर।
पर आज जब पीछे देखता हूँ,
तो देखता हूँ,
वो गड्ढा मेरी ही राह में था।
मैं गिरा हूँ उसमें,
और हाथ-पैर मारकर भी
निकल नहीं पा रहा।

मैंने झूठ को कला बना दिया,
इतना कलात्मक, इतना सहज,
कि अब मैं खुद ही पहचान नहीं पाता।
अपने से ही बोलता हूँ झूठ,
और उसे सच मान लेता हूँ।
कभी-कभी सोचता हूँ,
क्या मैं सच में झूठा हूँ?
पर जवाब नहीं मिलता,
क्योंकि मैं अपनी ही चालों में उलझा हूँ।

शास्त्रों ने कहा था,
दूसरों को मत छलो,
झूठ मत बोलो।
पर मैंने हँस दिया,
सोचा, ये तो कमजोरों के लिए है।
पर आज जब आइना देखता हूँ,
तो एक अजनबी खड़ा है वहाँ।
मेरी आँखों में झाँकता,
मुझे मेरे ही सवालों से काटता।

ओ मेरे भीतर के सत्य!
तुम कहाँ खो गए?
तुम्हारी जगह झूठ का मकड़जाल
कैसे बस गया?
ओ मेरे भीतर की ईमानदारी,
कभी लौट आओ,
मैं थक गया हूँ
अपने ही छलावे में जीते-जीते।

इससे पहले कि देर हो जाए,
इससे पहले कि मैं
अपने ही झूठ का शिकार बन जाऊँ,
मैं रुकना चाहता हूँ।
मैं सच के उस उजाले में लौटना चाहता हूँ,
जहाँ छल का कोई अँधेरा न हो।
जहाँ मैं,
मैं रह सकूँ।



The World of sound

In the land of melody,
Where notes dance and sway,
I find solace in music,
And my heart begins to play.
The rhythm of life echoes,
In every chord and beat,
A symphony of emotions,
That I can't help but meet.

Travel takes me on a journey,
To places far and wide,
But it's the music that stays with me,
As I close my eyes and glide.

For in this world of sound,
I find a strength to hold,
A resilience that carries me,
When my body starts to growl.

So I'll keep singing my song,
In the land of melody and more,
For music is my refuge,
And my heart's forever core.

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...