आत्मविश्वास का जादू



आत्मविश्वास से वो दरवाजे खुलते हैं,
जो कभी देखे ही नहीं थे, कहीं छुपते हैं।
जहाँ मैं हूँ और जहाँ पहुँचना है,
उस बीच के फासले में मेरा विकास बसता है।

मुझे बस दिखाना है, खुद को पेश करना है,
फैसला उनका है, मेरा काम बस लगन से करना है।
हर कदम पर, हर कोशिश के साथ,
मैं अपने सपनों को देता हूँ नई राह।

जो मौका मेरा है, उसे अपनाऊँगा,
हर नई चुनौती से खुद को आजमाऊँगा।
आगे बढ़ता हूँ, भरोसे के साथ,
क्योंकि यही है मेरी जीत की शुरुआत।

मैं आता हूँ, पूरी शिद्दत से,
बाकी सब समय और किस्मत पे छोड़ता हूँ।


आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...