हमारे जीवन की सच्चाई है कुछ खास,
वो पल, जो गुजरते हैं हर रोज़ के साथ।
जब हम सोचते हैं, "क्या करूँ अगला कदम?"
और तब तक, हम जीते हैं, यही है हमारा धर्म।
वो छोटी-छोटी बातें, जो हम भूल जाते हैं,
कभी चाय की प्याली, कभी हंसी के गीत।
हम न जानते हुए भी, बिता रहे हैं हर पल,
वो जो ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा होता है सरल।
हममें से कोई नहीं जानता, क्या है आगे का रास्ता,
पर हर कदम में कुछ सीख है, ये है ज़िंदगी का मज़ा।
हम सोचते रहते हैं, "आगे क्या होगा?"
पर असल में, यही 'अब' ही है जो सबसे ज्यादा होता।
क्योंकि हम जीते हैं, ये पल, यही है असली रंग,
बाकी सब तो बस इंतजार करते हैं, कि कुछ और हो जाए तंग।
लेकिन ज़िंदगी, इन छोटे-छोटे मोमेंट्स में छुपी होती है,
हम जब तक समझते हैं, तब तक यह फिसलती चली जाती है।