मेरे लिए खुद का विश्वास



जब मैंने खुद को नकारा,
तो मैंने यह मान लिया कि असंभव कुछ भी नहीं है।
मेरी मंज़िल दूर लगी,
जब तक मैंने खुद पर विश्वास नहीं किया, तब तक वह बहुत दूर लगी।

हर कदम को चुनौती मानता हूँ,
सपनों को हकीकत में बदलने की राह पर बढ़ता हूँ।
अगर मैं खुद को नकार दूँ,
तो सफलता को कैसे पा सकता हूँ?

याद रखता हूँ, असंभव वही है जो मैंने खुद तय किया हो,
जब तक मैं संघर्ष कर रहा हूँ, मैं रास्ते पर हूँ।
विश्वास रखता हूँ, आत्मविश्वास से हर कदम बढ़ाता हूँ,
मेरी मेहनत और विश्वास ही मेरे सपनों को साकार करेगा।

खुद को अयोग्य नहीं मानता,
मैं वही हूँ जो खुद को मानता हूँ।


खुद को हां कहना सीखो





दरवाजे खटखटाने का हक तुम्हारा है,
चाहे दरवाजा खुला हो या बंद, किनारा है।
शर्तें जो रखी हैं, वो उनकी बात है,
खुद को मना करना, ये तो घात है।

कौन कहता है कि तुम काबिल नहीं,
क्या पता छिपी हो तुममें कोई कमी नहीं।
जो लकीरें खींची हैं, उन्हें मत देखो,
खुद पर यकीन रखो, आगे बढ़ते रहो।

दरवाजे तक जाना, आधी जीत है,
बाकी कहानी तो मेहनत की रीत है।
कभी-कभी जो बाहर से कठिन दिखे,
वहीं अंदर छुपा एक मौका दिखे।

तो क्यों खुद को पहले ही रोको,
खुद के सपनों से पीछे क्यों झुको?
जाओ, दांव लगाओ, अपना हुनर दिखाओ,
जो होगा देखा जाएगा, खुद को न झुकाओ।

दुनिया से ना सुनो, खुद को हां कहना सीखो,
हर मौके को एक मौका समझ, जीना सीखो।



"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...