बदल

जिन्दगी बदल गई है 

फिर भी उसी मोड़ पर खडा हूं मैं

सब कुछ बदल गया है 

फिर भी उसी को मांग रहा हूं मैं

वो भी बदल गई है 

फिर भी बदल नही रहा हूं मैं ।




आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...