चलो नई दुनिया में, बढ़ते कदमों से,

चलो नई दुनिया में, बढ़ते कदमों से,
नया करते हुए, सपनों के उत्साह से।

धरती को सजाते, नवीनतम रंगों से,
सूरज की किरणों से, आँखों को भरते सपनों से।

कायाकल्प में हैं, हमारे सपने छुपे,
नया कुछ करते हैं, उन्हें बचाते।

सृजनात्मकता के सफर में हैं, हम जुटे,
नई दुनिया की ओर, हम बढ़ते।

रुका नहीं कभी, नए सपनों के साथ,
चलो नई दुनिया में, खो जाते इन राहों में हम साथ।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...