खुद को नकारना बंद करो


मैंने सीखा है, खुद को न ठुकराना,
ये सबक है, जो बदल देता है जमाना।
क्यों हर बार मैं खुद को रोकूं,
क्या मेरे सपने मुझसे कमतर हैं?

जब दुनिया को नहीं पता मेरी सीमा,
तो मैं खुद क्यों बनाऊं अपनी रेखा?
जो कर सकता हूँ, उसे पूरा करने दो,
खुद को कमजोर समझने का हक ना देने दो।

सबसे बड़ा सबक, खुद पर यकीन,
हर गिरावट में देखो जीत की जमीन।
खुद को अपनाना, सबसे बड़ी ताकत है,
यही सबक, हर मुश्किल को आसान बनाता है।

खुद से प्यार करना सीखो,
खुद को नकारना हमेशा के लिए छोड़ दो।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...