स्नेह का संग और प्रेम की बातें,

स्नेह का संग और प्रेम की बातें,
हॉस्टल की लाइफ में छाई रातें।
आम्रपाली की हंसी, लोटस का स्वाद,
हर दिन नए दोस्तों की बर्बादी में मस्ती का रंग।

कॉलेज की कैंटीन में चाय की चुस्की,
नए-नए चैप्टर की हर कहानी सुनी।
इंदिरापुरम से नोएडा की यात्रा,
स्नेह के साथ बिताई हर पल की यादें हैं स्वर्णिम संग्रह।

रोजमर्रा की जिंदगी की कहानी,
अपने आप को पाने की खोज में निकला सफर अनजानी।
जीवन की हर राह पर नई चुनौतियों का सामना,
पर स्नेह के साथ हर मुश्किल को किया था सामना।

जीवन की कविता में छुपा है ये सच,
स्नेह और प्रेम की राह में है सुख का संच।
नए दिन, नई राहें, नए सपने साथ हैं,
स्नेह के साथ चलते हुए, जीवन की राहें खोजते हैं।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...