खुद का साथी बनो



कभी खुद को न बनने दो, अपने खिलाफ हथियार,
दूसरों से पहले, खुद से रखो प्यार।
जो भी हो रास्ता, चाहे कोई भी हो साथ,
सबसे बड़ा सहारा, हमेशा है तुम्हारा हाथ।

दूसरे तो जा सकते हैं, अपनी राहों पर,
पर खुद को छोड़ना, है सबसे बड़ा खंजर।
हर तूफान से लड़ो, और हर चोट को सहो,
कभी खुद को न खोना, यही जीवन का तरीका हो।

साथी सभी छोड़ सकते हैं, ये बात सच है,
पर खुद से कभी दूर न जाओ, यही है सबसे बड़ी सच्चाई।
तुम ही हो अपनी कहानी के लेखक,
खुद के साथ रहो, तब सच्ची जीत होगी साकार।

कभी न छोड़ो खुद को, ये समझ लो,
सबसे अहम है तुम्हारा खुद पर भरोसा और प्यार।


विश्वास की शक्ति



जो खुद को समझे, वो कभी हार नहीं मानता,
राह में खड़ी मुश्किलें उसे डिगा नहीं पाती।
जो खुद की कीमत जानता है, वो कभी पीछे नहीं हटता,
रन की शुरुआत से पहले ही खुद को नकारता नहीं है।

विश्वास ही है, जो दरवाजे खोलता है,
अदृश्य रास्तों को सामने लाता है।
जो अपनी काबिलियत पर भरोसा रखता है,
वो हमेशा नई ऊंचाइयों तक पहुंचता है।

अगर तुम खुद से उम्मीद रखते हो,
दुनिया भी तुम्हें उसकी मिसाल मानती है।
कभी न डर, न शंका, न कोई संकोच,
जब तक है विश्वास, कोई नहीं रोकेगा तुझे।

विश्वास वो कुंजी है, जो हर बंद दरवाजा खोलता है,
खुद को पहचानो, और दुनिया को दिखाओ, तुम क्या हो।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...