सूरज की किरणों के साथ,अपने सपनों को जगाना होगा।

धूप में जलते सूरज के साथ,
खो जाता है गम का हारा सफर।
आँखों में आंसू छुपाना होगा,
मन में सुकून का अपना इन्तजार।

जीवन की लहरों में बहते,
दर्द के साथ राह चलना होगा।
हर रोज़ की चुनौतियों से,
अपने आप को सामना ही होगा।

सूरज की किरणों के साथ,
अपने सपनों को जगाना होगा।
गम के बाद सुख का सागर,
नई उम्मीदों की ओर बढ़ना होगा।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...