अद्वितीय सफर

**अद्वितीय सफर**

चल रहा हूं, बस चलता ही जाऊं,  
नई दिशा की ओर, नयी राहों में कहीं।  
हर कदम पर, अनुभवों की भरमार है,  
खोजता हूं मैं, खुद की पहचान में।  

हर रोज़, हर पल, नई सीखों का संगम,  
सिखता हूं, बढ़ता हूं, नयी दिशा की तलाश में।  
धीरे-धीरे, अपने सपनों की ऊँचाइयों को छूता हूं,  
मन का रंग, खुद की भावनाओं में बिखरता हूं।  

शब्दों की कहानी, हर लम्हे में नयी,  
सोच की उड़ान, सपनों की उड़ानी।  
अनमोल बानो की खोज, हीरों की मोहताज़ी,  
हर कदम पर, नए सफर की तरफ बढ़ता जाता हूं।  

दिल की आरज़ू, जगने लगी है रोशनी,  
नई दिशा की ओर, बढ़ रहा है मेरा मनी।  
जाने में ही रहूं, बस में ही रहूं,  
अपने सपनों को पूरा करते, हर पल, हर दिन।  

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...