हॉस्टल की बालकनी में,

प्यार का आलम, बड़ा अनोखा है,
रात भर बातें, दिल की बातें, अनमोल राज़ है।

हॉस्टल की बालकनी में, हर रात,
बैठे-बैठे, उसके साथ, ख्वाबों की बातें साथ हैं।

कमल की बातें, सवालों की बरसात है,
जवाबों में, भविष्य की राहत है।

सपनों की दुनिया, भविष्य की बस्ती,
साथ रहेंगे हम, हर कठिनाई का मिलेगा बिस्तर।

धुएं में रात गुजर जाती है,
सुबह को, फिर से उसके साथ बातें करते हैं।

जादूगर हैं उसके सवाल, जादूगर हैं उसकी बातें,
जिंदगी की दुनिया, इस प्यार की कहानी के राज़ हैं।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...