मेरे स्क्रीन पर लिखी जो बात होती है,
पढ़ते-पढ़ते लोग अक्सर घबराते हैं।
"तुम तो हो अब पुराने तरीके के लेखक,
कभी research करने, कभी notes बनाने के साथ रहते हैं जैसे कोई detective!"
इन्हीं में घंटों बिता देता हूँ,
हर किरदार, हर प्लॉट में रंग भर देता हूँ।
लोग कहते हैं, “क्या है ये सब, डर क्यों लगे?
ये तो बस स्क्रिप्ट, और तुम हो उस कहानी के भगवान!"
स्क्रीनराइटिंग का असली मजा तो research aur notes me hai, aur jo log samajhte hain, unko bhi pata chalega ke creativity ki apni ek duniya hoti hai!