जब तक मैं अपने आदर्श रूप की कल्पना करता रहूँ,
तब तक वो केवल मेरे मन में बसा रहेगा,
लेकिन जब मैंने उसे साकार करने का निर्णय लिया,
तो पाया कि यह बहुत आसान था,
सिर्फ शुरुआत करने की देर थी।
मैंने खुद को जगाया,
सपनों को जागृत किया,
सुबह अलार्म बजते ही उठकर,
जिम की ओर कदम बढ़ाए।
जो कभी टालता था,
अब उसे करता हूँ आज ही।
स्वस्थ आहार, सही विकल्प,
यह सब मेरे लिए अब बन चुके हैं आदतें।
जो मैं कल से टालता था,
आज उसे अब करने की ताकत है मुझमें।
कभी मेहनत को बड़ा समझता था,
अब उसे नयापन बना लिया है।
मुझे अब यह समझ आया,
सपने तब तक सपने रहेंगे,
जब तक मैं उन्हें हकीकत में बदलने का काम नहीं करता।
यह यात्रा अब शुरू हो चुकी है,
और मेरे लिए अब कोई रास्ता नहीं है,
सिर्फ आगे बढ़ने की राह है।
अब या कभी नहीं!
कोई रास्ता नहीं दिखेगा,
तो मुझे खुद अपनी राह बनानी होगी,
क्योंकि कोई और नहीं आएगा मुझे वहाँ तक पहुँचाने।