मनुष्य की प्रकृति में यह गहराई से निहित है कि वह किसी से जुड़े, किसी के साथ मिलकर कुछ ऐसा रचे जो मूल्यवान हो। यह जुड़ाव ही है जो हमें अपनी सीमाओं से परे जाने और सामूहिक रूप से कुछ अद्भुत सृजन करने का सामर्थ्य देता है।
संबंधों का अनुवाद (कविता)
जुड़ाव की प्यास, जन्म से सजीव है,
यह केवल भावना नहीं, यह तो जीवन का बोध है।
हर हृदय के भीतर एक पुल है,
जो दूसरे दिल तक पहुंचने की राह खोजता है।
संबंध से ही शब्द को अर्थ मिलता है,
अकेलेपन का अंधकार प्रकाश में बदलता है।
यह बंधन ही है जो हमें साधारण से महान बनाता है,
और उद्देश्य की आग में हमारे सपनों को जलाता है।
क्या मूल्य है उस जीवन का जो अलग-थलग हो?
जो न जुड़ सके, न साझा कर सके अपनी बात को।
यह पृथ्वी भी तो जुड़ी हुई है,
धरती से आकाश तक, सब गूँथी हुई है।
संबंध केवल प्रेम नहीं, यह सृजन है,
एक बीज जो साझेदारी की मिट्टी में पनपता है।
मूल्य, उद्देश्य, और पहचान का यह आधार है,
जो मानवता को महानता तक पहुँचाता है।
तो चलो, जुड़ें, न केवल दिलों से,
बल्कि सपनों और कर्मों के सूत्र से।
जुड़ाव के इस बोध को समझें,
और कुछ ऐसा रचें, जो इस जीवन को अमर कर दे।