दिल टूटना, असफलता, और नए शुरुआतें, ये कोई अंत नहीं,
ये तो बस एक नया सफर है, जो तुमसे पहले ही शुरू हो चुका था।
हर दर्द में छुपा है एक नया पहलू,
हर टूटन के बाद एक नई उम्मीद का जन्म होता है।
लेकिन मैं रुक जाता हूँ, डर से कि आगे क्या होगा,
ये डर मुझे जकड़ लेता है, और मैं बस वहीं फंस जाता हूँ।
कभी लगता है, खुद को खो चुका हूँ,
ख़ुशियाँ दूर कहीं, और मैं दर्द में डूब चुका हूँ।
क्या ये दर्द हमेशा साथ रहेगा? क्या कभी चैन मिलेगा?
या यही चक्र चलता रहेगा, जहां हर नया कदम दर्द की ओर बढ़ेगा।
लेकिन रुकना नहीं, आगे बढ़ना ही होगा,
इस दर्द को अपने साथ लेकर जीना ही होगा।