स्नेह और प्रेम की कहानी,

स्नेह और प्रेम की कहानी,
हॉस्टल की लाइफ की मिठास और रानी।
आम्रपाली के खाने की यादें,
हर दिन के चंद नए चरण की खोज में।

कॉलेज की कैंटीन में चाय की मिठास,
नए-नए चैप्टर की शुरुआत का आगाज।
रोज़ की दौड़ में, इंदिरापुरम से नोएडा की राह,
स्नेह की मिलन की रातों में है बातें खास।

जीवन की यह कहानी, एक संगीत बनी है,
हर लम्हे में नई खुशियों की बरसात है।
मैं जो भी कर रहा हूं, मैं खुद को पहचान रहा हूं,
लोगों से मिलकर, जीवन की राहों में नया सफ़र रहा हूं।

पहाड़ों से निकला, बदला न कुछ मैं

पहाड़ों से निकला, बदला न कुछ मैं,
पर सब कुछ बदल गया, रास्ते और मैं।
नए लोग, नए दोस्त, नई जगह,
हर कोने में बसा, एक नया सपना।

नए खान, नई सोने की चाह,
विचारों में डूबा, मैं एक समय रात की बात।
क्या हूं मैं नया, या बस वही पुराना,
क्या है मेरे अंतर में, यह जानना मुश्किल समाना।

पर विश्वास अपने आप में, मैं बढ़ता जा रहा हूं,
जीवन के सागर में, अपनी नौ को लहराता हूं।
कुछ करने की चाह, कुछ बनने की तमन्ना,
है मेरे मन में, जीने की नई रूह का उत्साह।

बड़ा करने की लालसा, ज़िंदगी को चुनौती देना,
पास है मुझे जीने का सही मायना।
इस संगीन दिल से, जीवन के मेले में,
मैं आगे बढ़ता हूं, अपने सपनों के साथ, नई दिशा में।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...