साहस की राह



मौके केवल योग्य को नहीं मिलते,
साहसी वो होते हैं जो उन्हें छीन लेते।
जो दिखाते हैं हिम्मत, वो पाते हैं रास्ते,
जो रुके नहीं, वही जाते हैं ऊँचाइयों तक सपने।

मैं सामने आता हूँ, बिना किसी संकोच के,
जो भी है मेरी ताकत, उसे दिखाता हूँ खोले बिना कोई पोच के।
जो भी मौका मिले, मैं उसे अपनी बनाता हूँ,
जिंदगी को अपने कदमों से सजाता हूँ।

आगे बढ़ना है, रुकना नहीं है,
मेरे अंदर एक आग है, बुझाना नहीं है।
वे देखेंगे, वे समझेंगे,
मैं वो हूं जिसे कोई भी नहीं रोक सकता।

मैं वो हूं, जो खुद को दिखाता है,
मुझे कोई भी नहीं रोक सकता, यही मेरी पहचान है।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...