मैंने जब भी सोचा, मैंने सवाल किए,
हर विचार, हर कदम, नए राहों पे चले।
जो भी था देखा, उसे नकारा नहीं,
सच की तलाश में, मैंने हर ख्वाब को चुना।
सिर्फ़ शब्दों से नहीं, मैंने कर्मों को समझा,
क्योंकि बोले हुए शब्द कभी भी सच्चाई नहीं होते।
कर्मों में छुपा होता है मन का रुख,
वो ही दिखाता है दिल के भीतर का सच।
अपने विचारों को मैंने परखा और प्रयोग किया,
हर विश्वास को चुनौती दी, खुद से टकराया।
हर एक विचार को, हर एक राय को,
मैंने अपने अनुभव से सही किया।
हर दिन, हर पल, खुद को और बेहतर किया,
जो भी था अनिश्चित, उसे निश्चित कर लिया।
विश्वास को पक्का किया, और मन में ठान लिया,
जो भी सच है, उसे जीना मेरा है काम।
मेरे आत्मविश्वास ने मुझे वो ताकत दी,
जिससे मैंने खुद को सच में पहचाना।
मेरे भीतर की शक्ति ने मुझे सिखाया,
सिर्फ़ अपने आप में विश्वास से दुनिया को जीता।
अपने विचारों से, अपने विश्वासों से,
मैंने खुद को एक नए रास्ते पे पाया।
क्योंकि विश्वास की ताकत,
मेरे असली रूप को सामने लाया।