स्वयं से प्रेम और संसार से जुड़ाव


खुद से प्यार करना, कोई स्वार्थ नहीं,
ये तो है जीवन का सबसे सुंदर पथ।
जब खुद को अपनाओगे दिल से,
तब ही समझोगे दुनिया के हर हिस्से।

तुम्हारी कीमत अनमोल है, जान लो,
जितना तुम खास हो, उतना ही ये जहाँ लो।
अपने सपनों में विश्वास रखो,
पर इस दुनिया को भी अपना प्रेम दो।

यह धरती, यह सागर, यह हवा,
हर कण में है एक छुपा हुआ दवा।
अपने भीतर के दीप को जलाओ,
और संसार में उजाला फैलाओ।

स्वयं को गले लगाओ, पर दुनिया को भी थामो,
अपने कर्मों से इसे और सुंदर बनाओ।
क्योंकि जीवन का सार यही है,
खुद से प्यार और संसार से जुड़ाव यही सही है।


आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...