स्नेह और प्रेम की बातें होस्टल की यादों में,

स्नेह और प्रेम की बातें होस्टल की यादों में,
दोस्तों के साथ बिताई वो रातों की बातों में।

हॉस्टल के कानपटी में बनी अम्रपाली लोटस की याद,
वहाँ के खाने की मिठास अब भी दिल में है बसी बार-बार।

नए नए चैप्टर के साथ कॉलेज का माहौल,
कैंटीन में बिताए लम्हों की मिठास हर बार।

रोज़ की जिंदगी में नई उत्साह और रोमांच,
इंदिरापुरम से नोएडा की यात्रा, दोस्तों का संग।

स्नेह की मीठी मुलाकात नोएडा में हर रोज़,
जीवन की कहानी में नए सफर, नये हर ख्वाब के छोर।

अपनी जिंदगी की हर लम्हें को जीते हैं,
खुद से, दोस्तों से, और खुदा से मिलकर हर पल को गीते हैं।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...