Sunday 25 March 2018

कभी तो हम साथ होंगे


प्यार भरी  नजरों से ढूंडती हो जो तुम मुझे।
पर अब कहाँ  मिलूंगा मैं तुझे ।

मैं तो खुद  में खोया  हुआ था
पाया है जब से खुद को खुद से
भूल गया हूँ मैं खुद तब से ।

वो बात अब जमाने की लगती है।
जिस जमाने हम बात किया करते  थे।

एक  तरफ तुम एक तरफ मैं
बस  युहीं  दो राहों पर खड़ी है दो जिंदगी
जो ना कभी मिलती है ना कभी बिछड़ती है।

बस टक टकी लगाए देखी जाती है एक दूसरे को।
इस इंतजार में  की कभी तो हम  साथ होंगे ।

दीपक डोभाल

दीप जले तो जीवन खिले

अँधेरे में जब उम्मीदें मर जाएं, दुखों का पहाड़ जब मन को दबाए, तब एक दीप जले, जीवन में उजाला लाए, आशा की किरण जगमगाए। दीप जले तो जीवन खिले, खु...