नये चैप्टर की राहें

स्नेह का रंग बिखरता है,
प्रेम की राहें रोशनी से भरता है।

दोस्ती की बातें, हंसी की लहर,
हॉस्टल की जिंदगी, खुशियों का सफर।

आम्रपाली की मिठास, लोटस का रंग,
हॉस्टल का खाना, दिल को छू जाता ज़ंग।

नये चैप्टर की राहें, कांपू की तरह,
कॉलेज की कैंटीन, सपनों का अद्भुत विहंग।

रोज की जीवनधारा, इंदिरापुरम से नोएडा की ओर,
स्नेह की मिलन की आस, है सबसे खास प्यार।

जिंदगी के किताब में, हर पन्ना नया,
खुशियों का जादू, सब कुछ है नया।

जो कुछ भी कर रहा हूं, अपने सपनों की पहचान,
लोगों से मिलकर, हर रोज करता हूं जीवन का गुंजार।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...