खुद को सीमित मत करो


मैं खुद को क्यों रोकूं, फैसला उनका होने से पहले?
क्या पता, मेरी कोशिश ही उन्हें मेरा बना दे।
जो मैं कर सकता हूँ, वो मैं करके दिखाऊँगा,
खुद को नकारने का हक मैं उन्हें ही दूँगा।

अगर मैं खुद ही हार मान लूँ,
तो मौका देने वाले तक कैसे पहुँचूँ?
मुझे सिर्फ अपना हौसला दिखाना है,
बाकी दुनिया को ही निर्णय सुनाना है।

हर कोशिश एक संभावना है,
खुद को साबित करने की तैयारी है।
मैं अपना हर दरवाजा खोलता हूँ,
अपनी काबिलियत को बिना किसी डर के तोलता हूँ।

सीमा तय करने का काम उनका है,
मेरा काम है, खुद को हर बार मौका देना।


मेरा मध्‍य बिंदु

जब नींद अभी आई नहीं, जागरण विदा हुआ, उस क्षण में मैंने स्वयं को महसूस किया। न सोया था, न जागा था मैं, बस उस मध्‍य बिंदु पर ठहरा था मैं। तन श...