ताकत और कमजोरी का खेल



ताकतवर दिखे तो सब सर झुकाते,
कमजोर दिखे तो सब मुँह बनाते।
दुनिया का नियम बड़ा सीधा-सादा,
"जिसकी लाठी, उसकी भैंस" का वादा।

तगड़े बंदे जिम में पसीना बहाते,
कमजोर छत पर कपड़े सुखाते।
बाइसेप्स वाले जब गली में आते,
लोग सेल्फी के लिए लाइन लगाते।

कमजोर बेचारे चाय के साथ बिस्किट तोड़ते,
"भाई, तगड़ा कैसे बनूं?" हर कोने में सोचते।
तगड़े की थाली में प्रोटीन का खेल,
कमजोर के पास बस आलू का मेल।

दुनिया को बस बाहरी काया भाती,
अंदर की अच्छाई अक्सर छुप जाती।
पर क्या करें, ये तो बड़ा है कमाल,
"मसल्स दिखे तो दिल भी बड़ा" का सवाल।

कमजोर ने कहा, "भाई, सुन जरा,
हम भी इंसान हैं, दिल से भरा!"
तगड़े ने मुस्कुराकर जवाब दिया,
"पहले पुशअप्स मार, फिर बात किया!"

तो भाई, ये दुनिया बड़ी जज है,
ताकत देखे तो प्यार बढ़े फट से।
पर अंदर की सच्चाई कौन समझाए,
कमजोर का दिल भी कभी न भरमाए।

तो चाहे तगड़े हो या थोड़ा पतले,
मजे करो, खाओ, और रहो मस्त कल्ले।
क्योंकि असली ताकत दिल में है छुपी,
पर हाँ, बाइसेप्स हो तो दुनिया है दबी!


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...