वाइब्रेशन्स का प्रभाव




हर विचार, हर भावना, एक लहर बनती है,
जो हमारे भीतर और बाहर बहती है।
कभी किसी की संगति से दिल भारी हो जाता है,
तो कभी किसी के साथ, आत्मा झूम उठती है।

क्यों होती है यह अंतर की अनुभूति?
यह सब होता है, उनकी वाइब्रेशन्स की वजह से।
कुछ लोग देते हैं नकारात्मक कंपन,
जो दिल में दुःख और अशांति को बिठा लेते हैं।

वहीं कुछ लोग होते हैं, जो ऊर्जा से भर देते हैं,
सकारात्मक वाइब्रेशन्स से, जीवन में रंग भर देते हैं।
उन्हें पाकर हम जीवित और ऊर्जावान महसूस करते हैं,
जैसे हमारे भीतर नया जीवन जागृत हो जाता है।

समझो, यह कंपन होते हैं हमारे आसपास,
वे हमें छूते हैं, हमारी आत्मा पर असर डालते हैं।
इसलिए ध्यान रखो, किसी भी व्यक्ति या माहौल से,
अपनी ऊर्जा को बचाकर रहो, वाइब्रेशन्स का प्रभाव समझकर रहो।


उठाने की राह



कभी-कभी उठाना जरूरी है,
लेकिन समझना चाहिए, कब खुद को बचाना है।
कई बार लोगों को सहारा दिया,
पर खुद को खोते पाया, क्या यह ठीक था?

समय की चुपचाप खामोशी ने कहा,
कभी-कभी मदद से खुद को सिखाना है।
जो न समझे, न चाहते बदलना,
उनसे दूर रहकर खुद को सवारना है।

मैंने दिया सब कुछ, खो दिया बहुत कुछ,
उनकी खामियों को सीने से लगाया।
पर जब देखा, खुद को टूटते पाया,
तो यह समझा, अपनी शक्ति को बचाना है।

उठाना जरूरी है, लेकिन कब?
जब किसी की मनोवृत्ति हो तैयार।
नहीं तो हम ही गिरने लगते हैं,
सच यही है, खुद को संभालना है बार-बार।


"प्रेम का दिव्यता रूप"

प्रेम ही असली चीज़ है, जहाँ मन का हर बीज है। कामनाओं से परे की धारा, जहाँ आत्मा ने खुद को पुकारा। जब स्पर्श हो बिना वासना की छाया, तो प्रेम ...