सफलता और सुकून,
दो अलग-अलग खेल हैं,
जिन्हें समझना और खेलना,
जीवन का असली कौशल है।
सफलता,
यह बाहरी दुनिया का खेल है,
मंजिलें छूने की चाह है,
हर ऊँचाई को जीतने की राह है।
यह सपनों का पीछा करना है,
अपनी काबिलियत को साबित करना है।
पर इसके साथ आता है,
चिंता का एक अजीब सा भार।
सुकून,
यह भीतर की शांति है,
जहाँ कोई दौड़ नहीं,
बस मन की हलचल थम जाती है।
यह स्थिरता का एक कोमल स्पर्श है,
जहाँ जीत-हार का कोई अर्थ नहीं।
यह आत्मा की गहराई में बहने वाली
एक शांत धारा है।
मैंने जाना है,
कि सफलता के पीछे भागना
और सुकून को पकड़ना
दो अलग राहें हैं।
इन दोनों को साथ चलाना
असल में एक कला है।
अब मैं दोनों खेल खेलता हूँ,
अपनी शर्तों पर।
सपनों को पाने का जुनून रखता हूँ,
और मन को शांत रखने का हुनर भी।
क्योंकि असली जीत वहीं है,
जहाँ सफलता और सुकून
एक ही पल में मिल जाते हैं।