जीवन क्यों रुके?हर पल तुम्हें बुला रहा है

जीवन क्यों रुके?
हर पल तुम्हें बुला रहा है,
खुशियों को अपनाने के लिए,
हँसी के झरने बहाने के लिए।

जीवन एक पल है,
जो आज है – अभी है,
कल क्या होगा,
किसे पता है?

रोक मत अपने सपनों को,
ना ही अपनी हँसी को,
खुलकर जी, मुस्कुरा,
हर पल को गले से लगा।

अपने सच्चे स्वरूप में रह,
डर को पीछे छोड़ दे,
जीवन है एक नृत्य,
जो हर क्षण हमें नये रंगों में रंगता है।

पलकों में जो ख्वाब हैं,
उन्हें खुली आँखों से देख,
जो दिल कहे, वही कर,
यही तो है असली जीवन का नेक।

खुशियाँ बाँट, हँसी फैला,
प्यार का संगीत गा,
जीवन का ये पल तेरा है,
इसे खुलकर जी ले – यही सच्चाई है।


अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...