मैं सोचता हूँ, शायद केवल 1% लोग
समझते हैं जो सच में हो रहा है।
ये एक अत्यधिक अनुमान हो सकता है,
लेकिन हम सचमुच एक तकनीकी विस्फोट के कगार पर हैं।
हमने आज़ाद किया है असीमित ज्ञान का एक भाग,
हम छूने जा रहे हैं वो सीमाएं,
जो कभी सोची भी नहीं थीं।
यहाँ हर पल कुछ नया बनता है,
और हमारी समझ उससे और दूर जाती है।
सिर्फ़ कुछ ही जानते हैं,
इस बदलाव के अर्थ को समझते हैं।
बाकी सब बस भागते हैं,
गति की इस धारा में कहीं खो जाते हैं।
यह विस्फोट नहीं, एक और युग है,
जिसे हम हर रोज़ अपनी आँखों से देख रहे हैं।
सामान्य ज्ञान को पीछे छोड़,
हम भविष्य के दरवाजे खोल रहे हैं।
क्या हम तैयार हैं इस परिवर्तन के लिए?
क्या हम समझते हैं इसका सच?
या फिर हम बस चल रहे हैं,
इस विशाल सागर की लहरों में, बिना किसी गंतव्य के।
सिर्फ़ वही जानते हैं जो इसे महसूस करते हैं,
बाकी सब बस एक धुंध में, खोए हुए हैं।
लेकिन, शायद, यही है मानवता का अगला कदम,
और हम सभी उस राह पर चल रहे हैं,
जहाँ हर मोड़ पर एक नई दुनिया है।