Diary — For My Daughter, Anaya
Anaya,
एक दिन तुम बड़ी होकर ये पढ़ोगी।
शायद 8 साल की…
शायद teenager…
शायद एक जवान लड़की,
जो अपने बचपन के टुकड़े ढूँढ रही होगी।
लेकिन जब मैं ये लिख रहा हूँ,
तुम सिर्फ तीन महीने की हो।
और मैं — एक पिता जो पहली बार समझ रहा है
कि travel का मतलब सिर्फ सफ़र नहीं होता,
प्यार का एक नया version भी होता है।
तुम 17 अगस्त 2025 को पैदा हुई थीं।
एक शांत सुबह थी वो।
घर में रोशनी का रंग भी उस दिन बदल गया था—
जैसे कोई नई धूप आकर
हमारी पुरानी दुनिया पर फैल गई हो।
आज, तुम्हारे जन्म के तीन महीने बाद,
हम तुम्हें पहली बार
लंबी यात्रा पर लेकर निकल रहे हैं।
ये कहानी उसी सफर की है।
और मैं इसे ऐसे लिख रहा हूँ
जैसे दिल बोलता है।
15 अगस्त की रात थी।
Mumbai का घर शांत था,
लेकिन तुम बिल्कुल शांत नहीं थीं।
12:00 बजे रात से लेकर
2:30 बजे सुबह तक
तुम्हारी अपनी दुनिया चल रही थी—
कभी दूध,
कभी खेल,
कभी बस मम्मी का चेहरा देखकर
एक छोटी-सी मुस्कान फेंक देना।
नींद?
वो तो उस रात किसी और के घर सोने गई थी।
हम तीनों —
मैं, तुम्हारी माँ, और दादी —
सिर्फ यही सोच रहे थे कि
“बस यात्रा में Anaya ko तकलीफ़ न हो।”
तुम्हारी breathing देखते-देखते
2:30 बज गए।
हम उठे।
धीरे-धीरे तैयार हुए
ताकि तुम disturb न हो।
तुम्हें छोटे गरम कपड़ों में लपेटा।
तुम्हारी छोटी टाँगे उस कपड़े में
गुलाब की पंखुड़ियों की तरह छिप गईं।
Diaper bag भरा —
milk, bottles, napkins, extra कपड़े,
छोटी दवाइयाँ।
और फिर bags…
3 बड़े suitcases
जैसे किसी small family trip के लिए नहीं,
बल्कि किसी Himalaya expedition के लिए हों।
3:45 AM पर cab नीचे आ गई।
रात की सड़कें सोई हुई थीं।
Ulwe का इलाका
सुबह और रात के बीच अटका हुआ-सा लग रहा था।
हल्की street light,
थोड़ी हवा,
और हम चार —
एक छोटी बच्ची को लेकर
उसकी पहली दुनिया दिखाने निकल पड़े।
Cab में तुम मम्मी की गोद में लेटी थीं।
तुम्हारी आँखें आधी खुली थीं,
जैसे पूछ रही हो,
“Papa, hum kahaan jaa rahe hain?”
उस moment में
मेरे दिल में एक अजीब warmth आई —
क्योंकि तुम पहली बार
घर से बाहर इतनी दूर जा रही थीं
और मैं साथ था।
Cab airport की तरफ बढ़ती रही।
तुम धीरे-धीरे सो गईं।
तुम्हारे माथे पर एक softness थी
और मुझे लगा —
“शायद ये शुरुआत सही जा रही है।”
Airport पहुँचे तो
हमारी tension आधी वहीं पिघल गई।
तुम बिल्कुल शांत।
माँ तुम्हें close पकड़े हुए।
दादी अपनी दुनिया में
तुम्हें देखते हुए मुस्कुरा रही थीं।
Check-in counter पर
मैंने तुम्हारा vaccination card
ऐसे पकड़ रखा था
जैसे ये तुम्हारा passport नहीं,
पर तुम्हारी सुरक्षा का armour हो।
लेकिन staff ने बस देखा,
एक हल्का “Okay sir, all good.” कहा
और हम आगे निकल गए।
जिन चीज़ों का डर दो दिनों से था —
नाम, date of birth, spelling,
infant document check —
कुछ भी नहीं हुआ।
जैसे दुनिया खुद कह रही हो —
“Bas jao, Anaya.
Tumhari pehli journey smooth hogi.”
Security से निकलकर
gate पर हम बैठे।
तुम मम्मी की गोद में फिर सो गईं।
तुम्हारे sleep का pattern
airport की भीड़ से बिल्कुल अलग था —
इतना peaceful
कि मैं खुद को तुम्हें बस देखता रहता।
वो एक छोटी-सी नींद
हम तीनों के लिए बहुत बड़ी राहत थी।
Flight boarding शुरू हुआ।
तुम्हें मम्मी ने अच्छे से पकड़ लिया।
दादी खिड़की वाली सीट देखकर
excited हो गईं।
और मैं बीच में बैठकर
दो पीढ़ियों को देख रहा था —
एक तीन महीनों की,
एक 60+ की,
और दोनों पहली बार उड़ान भर रही थीं।
Plane run-way पर दौड़ा,
और take-off का moment आया।
तुमने हल्की-सी सांस ली —
ऐसी जैसी कोई बच्चा
नई हवा को पहचानने की कोशिश करता है।
दादी ने पहली बार clouds को पास से देखा।
उनकी आँखों में हल्की चमक थी।
तुम्हारी मम्मी बस तुम्हें पकड़कर
तुम्हारे माथे को kiss करती रहीं।
और मैं…
मैं ये सोच रहा था:
“दोनों की पहली उड़ान
और मैं witness हूँ।
कितनी बड़ी blessing है ये।”
पूरी flight में
तुमने न रोया,
न disturb हुईं।
तुम बस कभी सोतीं,
कभी जगकर बाहर देखतीं,
कभी बस अपनी मम्मी की jacket पकड़ लेतीं।
तुम्हारा calm रहना
हमारी पूरी journey का सबसे बड़ा gift था।
Delhi में उतरते ही
ठंडी हवा चेहरे से टकराई।
Mumbai की humidity के बाद
ये हवा किसी blessing जैसी लगी।
तुमने बस एक आवाज़ निकाली —
जैसे हवा का नया स्वाद लिया हो।
Baggage लिया,
Cab में बैठे,
और हम Haridwar के लिए निकल पड़े।
Road long थी
लेकिन तुम पूरे रास्ते
इतनी शांत और comfortable रहीं
कि हम बार-बार एक-दूसरे को देखते
और silently thank you बोलते।
Haridwar पहुँचना
हमारे लिए relief था।
योजना थी सीधे Uttarkashi जाने की,
लेकिन Delhi की ठंड + पहाड़ की ठंड
एकदम back-to-back नहीं दे सकते थे।
हमने सही फैसला लिया —
“एक दिन Haridwar रुकते हैं।”
Haridwar की तरफ जाता हुआ रास्ता
सुबह-सुबह हमेशा थोड़ा अलग लगता है—
ना पूरी रात बची होती है,
ना पूरा दिन आया होता है।
Road से आती ठंडी हवा
कार के अंदर हल्का-सा soft माहौल बना रही थी।
तुम कभी अपनी मम्मी की उँगली पकड़ लेतीं,
कभी अपनी आँखें खोलकर
खिड़की की तरफ देखते हुए
जैसे रंग बदलता आसमान
तुम्हारा कोई नया खिलौना हो।
लगभग दोपहर के आस-पास
हम Haridwar में सीधे तुम्हारी मौसी के घर पहुँचे
और वो moment बहुत अलग था।
दरवाजा खुलते ही
सबसे पहले Laddoo bhaiya दौड़ते हुए आया।
उसके चेहरे पर इतनी genuine खुशी थी
जैसे किसी ने उसे उसका favourite toy दे दिया हो
और वो toy तुम थीं —
तीन महीने की Anaya।
“Anaya aa gayi!”
उसने इतने उत्साह से कहा
कि घर का माहौल
दो सेकंड में festival बन गया।
तुम्हारी मौसी ने तुम्हें गोद में लिया
इतने प्यार से
जैसे वो तीन महीनों से
बेसब्री से इसी पल का इंतज़ार कर रही हों।
तुमने उन्हें देखा,
हल्की-सी मुस्कान दी,
और फिर अपना सिर उनकी shoulder पर रख दिया।
उस पल मैं बस मुस्कुरा दिया।
किसी बच्चे के दूसरे घर में
इतने आराम से behave कर पाना
एक blessing होता है।
घर के अंदर
हल्का-सा गुनगुनापन,
गर्म chai की खुशबू,
और छोटे-छोटे footsteps की आवाज़ें—
घर पूरी तरह जाग चुका था
क्योंकि Anaya घर आई थी।
तुम्हारी मम्मी तुम्हें inside room में ले गईं,
light soft कर दी,
और तुम्हारा milk warm कर के
तुम्हें पिलाया।
तुमने बड़े आराम से पिया,
जैसे पूरी सुबह का travel
अब तुम्हें comfortably समझ में आ गया हो।
Milk पीकर
तुमने एक बहुत प्यारी-सी जम्हाई ली—
वो जम्हाई जो babies के पास
सबसे cute superpower होता है।
जैसे ही तुमने वो जम्हाई ली
Laddoo bhaiya चुप होकर
बस तुम्हें देखता रहा।
“Anaya ne muh uchaala!”
उसने excited होकर बोला।
हम सब हँस दिए।
कुछ मिनट बाद
तुम अपनी मम्मी की गोद में
गहरी नींद में चली गईं।
मैंने उन नींद की सांसों को सुना—
इतनी कोमल थीं वो
कि लगता था
जैसे कमरा भी तुम्हारे साथ
नींद में चला गया हो।
उस room में
एक शांत सा सुकून था—
हल्का fan,
soft रोशनी,
और तीन घंटे की लंबी journey के बाद
एक छोटी-सी बच्ची की
सबसे peaceful नींद।
हम सबने उसी घर में
पूरी रात रुकने का फैसला किया।
Hotel जाने की ज़रूरत ही नहीं लगी।
Ghar ka warmth,
family ka प्यार,
aur Anaya ki comfort—
इन तीनों का combination
पूरे सफर का सबसे बड़ा आराम था।
रात को जब हम खाने की टेबल पर बैठे,
Laddoo bhaiya बार-बार पूछ रहा था:
“Anaya so rahi hai?
Kab uthegi?
Main usse pakad sakta hoon naa kal?”
उसके हर सवाल में
एक छोटी-सी excitement थी।
और मुझे लगा—
इस सफर ने सिर्फ हमें नहीं,
balki पूरे ghar ko
ek naya happiness reason दे दिया है।
रात गहरी हो रही थी,
लेकिन माहौल बहुत हल्का था।
तुम सो रही थीं,
और हम सब
बस तुम्हारी ही बात कर रहे थे—
तुम्हारी यात्रा,
तुम्हारी first flight,
तुम्हारी छोटी-छोटी reactions।
उस पूरी रात
तुम्हें देखते हुए
एक बात बहुत गहराई से समझ आई—
बच्चे सिर्फ parents को नहीं बदलते,
बल्कि हर घर को थोड़ा-सा
और soft बना देते है।
शायद babies vibrations समझ लेते हैं।
शायद तुमने उस धुन को
पहली blessing की तरह सुना।
वो रात Haridwar में ruke रहना
तुम्हारे लिए भी जरूरी था,
हमारे लिए भी।
Next day
हम पहाड़ों की तरफ निकले।
Rishikesh से ऊपर जाते ही
हवा बदल गई।
Mountains हमेशा कुछ अलग होते हैं —
road टेढ़ी-मेढ़ी,
लेकिन हवा शांति वाली।
तुम मम्मी की गोद में
बहुत comfortably बैठी थीं।
कभी मुस्कुरातीं,
कभी बस बाहर के views को देखतीं,
कभी सो जातीं।
Tehri lake
sunlight में चमक रही थी।
मैंने पीछे मुड़कर देखा —
तुम lake के reflection को
बिना blinking देख रही थीं।
तुम्हारी नन्ही आँखों में
पहली बार इतना बड़ा nature map आ रहा था।
Chamba से आगे roads थोड़ी tough थीं,
लेकिन तुमने एक बार भी रोया नहीं।
जैसे पहाड़ तुम्हारे अपने हों।
मुझे लगा —
तुम Uttarkashi की बच्ची हो ही शायद।
बस तीन महीने पहले Mumbai में भेज दी गई थीं।
3 बजे के आसपास
हम अपने घर पहुँचे।
घर का दरवाजा खुला
और तुम्हारी नानी तुम्हें गोद में ले गईं।
तुमने मुस्कुराया —
जैसे किसी को पहचान लिया हो।
दादी ने तुम्हें kiss किया।
तुम्हारी मम्मी ने तुम्हें close पकड़ा।
और मैं doorway पर खड़ा
सिर्फ तुम्हें देखता रहा।
तीन दिन का सफर
तुम्हारा पहला सफर था।
और तुमने उसे
इतना सुंदर, इतना शांत
और इतना divine बना दिया
जैसे ये यात्रा
तुम्हारी आत्मा पहले से जानती हो।
Anaya,
तुम आज छोटी हो।
लेकिन एक दिन तुम समझोगी —
यह सफर
तुम्हारी पहली कहानी थी।
हमारी पहली उड़ान थी।
हमारा पहला scared + excited climax था।
और सबसे खूबसूरत यादों में से एक।
तुम्हारी वजह से
हमने फिर से उड़ना सीखा।
तुम्हारी वजह से
हमने family को महसूस किया।
तुम्हारी वजह से
हमने दुनिया को soft eyes से देखा।
और जब भी तुम आगे life में उड़ोगी,
Papa हमेशा तुमारे साथ रहेगा —
कहीं न कहीं…
तुम्हारे आस-पास,
तुम्हारी हँसी में,
तुम्हारी खुशी में।
Papa loves you, Anaya.
Always