ऊर्जा की सुरक्षा: एक महत्वपूर्ण अभ्यास

### ऊर्जा की सुरक्षा: एक महत्वपूर्ण अभ्यास

अपनी ऊर्जा की सुरक्षा करना एक अत्यंत महत्वपूर्ण अभ्यास है। यह अभ्यास सुस्त रूप से काम करने और अपने जीवन से नकारात्मकता और विघ्नों को हटाने का एक तरीका है। यह एक तरह का सुरक्षा जाल है जो आपके मानसिक और भावनात्मक संदर्भों को दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित रखता है, ताकि आप स्वयं को धीमी गति पर चलाकर और समय-समय पर प्रेरित रह सकें।

### ऊर्जा की सुरक्षा के लाभ:

1. **साथ चलना:** अधिकांश समय हम अपनी ऊर्जा का सही उपयोग नहीं करते हैं और अपने आत्म-संगठन में लापरवाही करते हैं। ऊर्जा की सुरक्षा से, हम संतुलित और सहयोगी तरीके से काम कर सकते हैं और अपने संगठन को सही दिशा में ले जा सकते हैं।

2. **नकारात्मकता का हटाना:** नकारात्मकता हमारी ऊर्जा को खपत कर सकती है और हमें निराश कर सकती है। ऊर्जा की सुरक्षा से हम अपने जीवन से नकारात्मकता को हटाते हैं और सकारात्मकता को बढ़ाते हैं।

3. **विघ्नों को हटाना:** जीवन में अनेक विघ्न और अवरोध होते हैं जो हमारी ऊर्जा को बाधित कर सकते हैं। ऊर्जा की सुरक्षा से हम इन विघ्नों को हटाते हैं और अपने मार्ग को स्पष्ट करते हैं।

4. **दिल की सुरक्षा:** ऊर्जा की सुरक्षा हमें अपने मानसिक और भावनात्मक संरचना को सुरक्षित रखने में मदद करती है। यह हमें लंबे समय तक संतुष्ट और प्रेरित बनाए रखती है।

### सरलता का महत्व:

सरलता एक महत्वपूर्ण उपाय है जिससे हम अपने जीवन को संगठित रूप से और सहजता से चला सकते हैं। यह हमें ऊर्जा की बर्बादी से बचाता है और हमें अपने उद्देश्यों तक पहुंचाने में सहायक होता है।

**श्लोक:**
"सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।"  
(भगवद्गीता 18.66)  
अर्थात: सभी धर्मों को त्यागकर सिर्फ मुझमें ही शरण लो।

### निष्कर्ष

ऊर्जा की सुरक्षा के माध्यम से हम अपने जीवन को संगठित रूप से और सहजता से चलाते हैं, ताकि हम अपने ऊर्जा को संरक्षित रख सकें और अपने

आत्मा की गहराइयों में



जब रात की चादर ओढ़ी,
और तारों ने आकाश सजाया,
मन की गहराइयों में खोजा,
क्या है जीवन का सच और रहस्य।

ध्यान की गहराइयों में खोया,
अपनी आत्मा को पहचाना,
जीवन के विचारों में खोया,
क्या है इस संसार का असली मकसद।

सूरज की किरणों ने समझाया,
हर पल का महत्व, हर व्यक्ति का मायने,
ध्यान और आत्मज्ञान की राह पर,
पाया जीवन का असली अर्थ और सत्य।

ध्यान में गहराई बसी,
आत्मा की शांति को महसूस किया,
जीवन की महक को चूमा,
अपने मन की अंतरात्मा को जाना।

हिमालय की ऊँचाई से गिरकर,
आत्मा का विस्तार जाना,
हर अनुभव में भगवान को महसूस किया,
ध्यान की गहराइयों में खोया।

इस आत्मिक कविता के माध्यम से,
हम सभी जीवन के सत्य को जानें,
ध्यान की गहराइयों में समाहित होकर,
अपनी आत्मा के साथ मिल जाएँ।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...