विश्वास की विश्वसनीयता।

पंछियों की खुशबू से महकता है आसमां,
तितलियों की चमक से सजता है वतन।

नदियों की लहरों में बसता है जीवन का सार,
झरनों की धारा से चमकता है प्यार।

हवाओं की लहरों में लिपटा है सपना,
खेतों की हरियाली से भरता है अपना।

खलियानों का सुकून, चीड़ के पेड़ों का साथ,
नागों की भक्ति से अलग होता है यह राह।

देवताओं की कृपा से भर जाता है जीवन,
इन सबके मध्य में छिपा है साक्षात्कार का ज्ञान।

जगत का संगम, प्रकृति की सौंदर्य सजीवता,
यही है उस अमृत की खोज, जो हमें देता है विश्वास की विश्वसनीयता।

आधी-अधूरी आरज़ू

मैं दिखती हूँ, तू देखता है, तेरी प्यास ही मेरे श्रृंगार की राह बनती है। मैं संवरती हूँ, तू तड़पता है, तेरी तृष्णा ही मेरी पहचान गढ़ती है। मै...