स्नेह से मिलकर

स्नेह और प्रेम की राह पर चल,
दोस्ती का साथ हर कदम पर साथ है।
हॉस्टल की लाइफ, अनजानी राह,
आम्रपाली लोटस, हर पल नया संगीत बजाती है।

पॉर्न हॉस्टल के खाने में छुपा है स्वाद,
जीवन के हर रंग में, अनुभवों की बात।
कॉलेज की कैंटीन में, नए-नए चैप्टर का आनंद,
जीवन की मिठास, हर खुशबू में बसा अद्भुत रंग।

इंदिरापुरम से नोएडा की यात्रा,
स्नेह की मिलनी, खुशियों का साथी बना।
रोजमर्रा की जिंदगी, हर पल अनमोल,
सपनों की उड़ान, आसमानों की खोज।

जीवन के पाठ्यक्रम में, ज्ञान का सागर,
सीखो और बढ़ो, बनो अनुभव का यार।
स्नेह से मिलकर, खुशियों का मेला,
जीवन की हर कड़ी, हो आबादी का खेला।

अपनी क्षमता को व्यर्थ न जाने दो

क्यों रुकूं मैं, जब राहें बुला रही हैं, क्यों थमूं मैं, जब हवाएं गा रही हैं। यह डर, यह संशय, यह झूठा बहाना, इनसे नहीं बनता किसी का जमाना। आध...