शांति की रक्षा



बुराई का जवाब बुराई से न दो,
उस आग में अपना मन न जलाओ।
जो छल करे, जो घाव दे तुम्हें,
उसे अपने जीवन से दूर कर जाओ।

उसके बुरे कर्मों का उत्तर,
तुम्हारी खामोशी हो सकती है।
उसकी हर चोट का सबसे बड़ा इलाज,
तुम्हारी अनुपस्थिति हो सकती है।

हर लड़ाई को लड़ना ज़रूरी नहीं,
हर आघात पर पलटवार करना सही नहीं।
अपनी शांति को हमेशा संभालो,
अपने दिल को सुकून का घर बनाओ।

जो तुम्हें तोड़ने की कोशिश करे,
उससे दूर रहकर तुम जुड़ते हो।
अपनी आत्मा की आवाज़ सुनो,
क्योंकि शांति में ही जीवन के रंग खिलते हैं।

छोड़ दो वो जो तुम्हें गिराए,
अपनी ऊर्जा उन पर लगाओ जो तुम्हें उठाए।
बुराई से लड़ाई नहीं,
बल्कि उससे दूरी बनाना ही सच्ची जीत है।


श्रेष्ठ पुरुष के प्रतीक

एक शरीर जो ताजगी और ताकत से भरा हो, स्वस्थ आदतें, जो उसे दिन-ब-दिन नया रूप दें। ज्ञान की राह पर जो चलता हो, पढ़ाई में समृद्ध, हर किताब में न...