मैंने देखा, स्वर की गहराई में,
अमृत का सागर छलकता है।
शब्द से परे, ध्वनि का संगीत,
मन के भीतर से उठता है।
पर यह रस सबको न भाता,
हर दिल इसे समझ न पाता।
पत्नी, बच्चे, पड़ोसी सब,
इसे शोर का दर्जा दे जाते।
मैंने पूछा अपने मन से,
क्या संगीत का यह रस छोड़ दूं?
क्या जीवन के इस मधुर सुर को,
सांसारिक बाधाओं से तोड़ दूं?
पर भीतर से आवाज उठी,
यह तुम्हारी आत्मा की पुकार है।
संगीत से तुम दूर नहीं,
यह तुम्हारे जीवन का आधार है।
शास्त्रीय संगीत कोई खेल नहीं,
यह तपस्या, यह ध्यान है।
यह तो आत्मा की यात्रा है,
जहां सब बंधन झूठे, संसार अज्ञान है।
यह फिल्मी गीतों की झंकार नहीं,
जहां हर दिल इसे सुन ले।
यह तो उन तक पहुंचे,
जो स्वर की साधना में जलें।
पर मैं अकेला, मेरा संसार भारी,
हर तरफ से विरोध है।
पत्नी की झुंझलाहट,
और बच्चों की नाराजगी कठोर है।
पड़ोसियों की आंखें मुझ पर,
जैसे मैं कोई अपराधी हूं।
क्या मैं अपने सुरों को,
इस भीड़ में छिपा कर रखूं?
फिर मैंने मुल्ला की कहानी सुनी,
जहां संगीत मजाक का पात्र था।
पर भीतर से एक सत्य जगा,
कि हर कोई इस पथ का यात्री न था।
पर मैं क्यों रुकूं, क्यों झुकूं,
संगीत मेरा स्वभाव है।
यह मेरे जीवन का सत्य,
यह मेरी आत्मा का भाव है।
तो अब मैंने ठान लिया,
संगीत को ध्यान समझ कर जिऊं।
न दूसरों को सताऊं,
न अपनी आत्मा से झूठ कहूं।
पत्नी को धीरे-धीरे,
संगीत का स्वाद चखाऊं।
बच्चों के दिल में धीरे से,
सुरों का बीज बो जाऊं।
संगीत तो सबके भीतर है,
बस सोया हुआ, छुपा हुआ।
कहीं न कहीं वह नाद अनाहद,
हर हृदय में बसा हुआ।
पत्नी का प्रेम अगर सच्चा है,
तो संगीत से भी प्रेम जगेगा।
बच्चों की मुस्कान में,
संगीत का सुर बहेगा।
पर अगर संसार न माने,
और हर कोई विरोध करे।
तो मैं मोहल्ला छोड़ दूं,
एकांत का रास्ता पकड़ लूं।
जहां मेरा संगीत और मैं,
शांति से संवाद करें।
जहां मेरे सुर समाधि बनें,
जहां हर स्वर प्रभु से मिले।
संगीत मेरी साधना है,
यह मेरा संन्यास बने।
अगर इसे पाने के लिए,
सब कुछ छोड़ना पड़े, तो छोड़ दूं।
संसार की नजर में,
यह झंझट भले हो।
पर मेरे मन में,
यह परमात्मा का स्वर हो।
तो सुन लो, ओ संसार के लोगो,
यह मेरा सत्य, मेरी दिशा है।
संगीत से जुड़ कर,
मैंने जीवन का अर्थ देखा है।
शब्द से परे, ध्वनि की लहरें,
मुझे अनंत तक ले जाती हैं।
और हर सुर के साथ,
मेरी आत्मा गुनगुनाती है।
एक दिन तुम्हारे भीतर भी,
यह संगीत का रस जागेगा।
और तब समझोगे,
यह जीवन कैसे गूंजता है।